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अमेठी कांग्रेस कार्यालय के बाहर खड़ी गाड़ियों में देर रात तोड़फोड़, पुलिस मूक दर्शक बनी रही

 06 May 2024

उत्तर-प्रदेश के अमेठी में कांग्रेस कार्यालय के बाहर देर रात अज्ञात लोगों ने तोड़-फोड़ की है। कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं का कहना है कि घटना के पीछे भाजपा का हाथ है। हमला पुलिस के संरक्षण में हुआ है। ख़बरों के अनुसार कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम लोगों पर भी हमला किया गया।  फ़िलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जाँच कर रही है।


कांग्रेस ने क्या कहा

कांग्रेस कार्यालय पर हमले के बाद कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, "अमेठी में स्मृति ईरानी और भाजपा कार्यकर्ता बुरी तरह से ड़र चुके हैं। सामने दिख रही हार की वज़ह से भाजपा के गुंडे लाठी-डंडों से लैस होकर अमेठी में कांग्रेस कार्यालय के बाहर पहुंचे और वहां खड़ी गाड़ियों पर तोड़फोट की। तोड़फोड़ के दौरान कई लोग बुरी तरह से घायल भी हुए है। जिस वक़्त कार्यालय के बाहर यह घटना हुई तब कार्यालय में मौज़ूद कार्यकर्ताओं ने अराजक तत्वों को पकड़ने की कोशिश भी की।"

कांग्रेस ने मौके पर मौज़ूद पुलिस पर आरोप लगाते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “घटना के दौरान पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बनी रही और भाजपाई गुंडागर्दी करते रहे। अमेठी की जनता पाँच सालों का हिसाब लेकर रहेगी।”

अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा ने कार्यालय पर हुए हमले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारी अमेठी की यह संस्कृति कभी नहीं रही, अमेठी में पहली बार ऐसा कुछ हो रहा है। लेकिन हम डरने वाले नहीं है, अमेठी परिवार में प्रेम अटूट है ये भाजपा के गुंडों से बिखरने वाला नहीं है।


अमेठी में भाजपा से स्मृति ईरानी उम्मीदवार

मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भाजपा ने एक बार फिर अमेठी से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस से किशोरी लाल शर्मा के उम्मीदवार बनने के बाद माना जा रहा है कि स्मृति ईरानी की राह आसान नहीं है। किशोरी लाल शर्मा पिछले 40 सालों से अमेठी में ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। ख़बरों की मानें तो अमेठी के लोगों और किशोरी लाल शर्मा के बीच अच्छा संबंध है। स्मृति ईरानी भी 2014 से अमेठी में सक्रिय बनी हुई है। 2014 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने अमेठी से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं पायी थी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी ने राहुल गाँधी को अच्छे ख़ासे अंतर से हराया था।

ग्राउंड रिपोर्ट्स की माने तो अमेठी की जनता स्मृति ईरानी के काम से खुश नहीं है। भाजपा भी चुनाव प्रचार में मुद्दों पर कम और राम मंदिर पर ज़्यादा ध्यान दे रही है, ताकि वोटरों को अपनी तरफ़ किया जा सके।